बिलासपुर में ट्रांसपोर्ट घोटाला - बैंक और आरटीओ के संपर्कों से दस्तावेज़ की हुई हेराफेरी..

# Neeraj Makhija | 01 Nov, 2025

बिलासपुर //-  ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और ठगी का मामला सामने आया है। बिलासपुर में दर्ज शिकायत के अनुसार, एक व्यक्ति ने बैंक कर्मचारियों, फाइनेंस एजेंटों और परिवहन विभाग के कुछ लोगों से संपर्क बनाकर दर्जनों लोगों की गाड़ियां, संपत्ति और दस्तावेज़ गिरवी रखवाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। इस पूरे प्रकरण की शिकायत बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की गई है..

शिकायतकर्ताओं तुहिन रॉय, सतीश टंटी, विनय सिंह सहित अन्य ने बताया कि सुबर्नो ट्रेवल्स नाम से ट्रांसपोर्ट का कारोबार करने वाले सुबर्नो घोषाल राजकिशोर नगर बिलासपुर निवासी और उनके साथियों ने बैंक कर्मचारियों व फाइनेंस एजेंटों से संबंध बनाकर लोगों को वाहन खरीदने के लिए उकसाया। इन लोगों ने पीड़ितों के सिबिल स्कोर, दस्तावेज़ और संपत्ति का उपयोग कर उनके नाम पर लोन, वाहन फाइनेंस और क्रेडिट कार्ड तक जारी करवा लिए..

भरोसा जीतकर किया फर्जीवाड़ा शिकायत के मुताबिक, 2023–24 में आरोपियों ने मिलकर कई लोगों को यह कहकर जोड़ा कि गाड़ियां खरीदकर ट्रक और कैब सर्विस में लगाई जाएंगी और हर महीने निश्चित रिटर्न मिलेगा। शुरुआत में कुछ महीनों तक इन्वेस्टमेंट पर 10 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न देकर विश्वास जीता गया..

इसके बाद 2024 के मध्य में वाहनों के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर कुछ घरों को गिरवी रखवाया गया, और प्राप्त रकम का आधा हिस्सा खुद रख लिया गया। बाद में आरोपियों ने यह कहकर भुगतान बंद कर दिया कि ट्रक का एक्सीडेंट हो गया है या गाड़ी जब्त हो गई है। मई–जून 2025 में मामला बढ़ने पर आरोपी बिलासपुर से फरार हो गया..

अगस्त में उसके घर की बिक्री OLX पर रजिस्टर्ड पाई गई, जबकि गणपति पूजा के समय उसके माता-पिता के कोलकाता रवाना होने की जानकारी मिली। 26 से अधिक बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग शिकायत पत्र में कहा गया है कि आरोपी ने अपने संपर्कों के जरिए 26 से अधिक बैंक खाते खुलवाए और कई पीड़ितों के नाम से क्रेडिट कार्ड बनवाकर उनमें से 40–50 हजार रुपए तक की रकम खर्च की। इसके अलावा दुकानदारों और फाइनेंस एजेंटों की मिलीभगत से iPhone जैसे महंगे प्रोडक्ट फाइनेंस करवाकर बेचने की बात भी सामने आई है..

RTO के दलालों से मिलीभगत के आरोप शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आरोपी के RTO कार्यालय में भी कई लोगों से संपर्क थे, जिनके माध्यम से वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट और ट्रांसफर दस्तावेज जल्दी तैयार करवाए जाते थे। अब आरोपी के भाग जाने के बाद उसके कथित साथी उसके नाम की संपत्ति का लेन-देन कर रहे हैं। यहां तक कि तीन ट्रकों की नीलामी कराकर दिवालिया घोषित करवाने की तैयारी बताई जा रही है..

सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार को भी धोखा शिकायतकर्ता तुहिन रॉय ने बताया कि आरोपी के पिता विकास चंद्र घोषाल, जो सेवानिवृत्त SECL कर्मचारी हैं, उनके नाम और पहचान का भी इस पूरे नेटवर्क में दुरुपयोग किया गया। रॉय ने बताया कि उन्होंने अपने पुराने परिचित पर भरोसा करके दस्तावेज़ सौंपे थे, लेकिन उन्हीं कागजों को बाद में गिरवी रखवाने और फाइनेंस निकालने में इस्तेमाल कर लिया गया..

जांच और कार्रवाई की मांग पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से इस पूरे नेटवर्क की फोरेंसिक जांच, फर्जी दस्तावेज़ों की पड़ताल, और सभी संबंधित बैंक खातों व लोन का ऑडिट कराने की मांग की है। साथ ही, आरोपी सुबर्नो घोषाल सहित उनके सभी सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है..

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