सीट बेल्ट के बिना बुलेट चलाना पड़ा भारी,घर पहुँचा चालान तो मालिक हुआ परेशान..

# Neeraj Makhija | 20 Sep, 2025

बिलासपुर//- बिलासपुर में रहने वाले एक ट्रेवल व्यवसायी की बुलेट पर ओडिशा के सुंदरगढ़ सुंदरगढ़ जिले में चालान कट गया है,चालान की रकम तो सिर्फ एक हजार रुपये है, पर कारण एकदम से अलग है,चालान का कारण बताया गया कि, सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना है

मामला इतना अजीब है कि मालिक की बुलेट कभी बिलासपुर से बाहर ही नहीं गई, फिर ओडिशा में चालान कैसे कट गया, वह भी दोपहिया पर सीट बेल्ट ना लगाने का जुर्माना,अब इस चालान के पेंडिंग रहने से गाड़ी का नाम ट्रांसफर भी अटक गया है..

वाहन बिक्री करने पर सामने आया मामला..

बिलासपुर के गोलबाजार में रहने वाले ट्रेवल व्यवसायी चंद्रशेखर सिंह राजपूत ने हाल ही में अपनी बुलेट (क्रमांक सीजी-10-एएस-1735) अपने परिचित को बेच दी,जब वे वाहन का नाम ट्रांसफर कराने परिवहन विभाग पहुंचे तो पता चला कि गाड़ी पर एक हजार रुपए का चालान पेंडिंग है..

चंद्रशेखर ने जैसे ही आनलाइन चालान चेक किया, तो हैरान रह गए,चालान ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के सलंगाबहाल इलाके में 22 अगस्त 2021 की रात 9 बजे कटा बताया जा रहा है,सबसे अजीब बात यह कि चालान सीट बेल्ट न पहनने के आधार पर (मोटर व्हीकल एक्ट 194 बी) बना है..

सवाल यह है कि दोपहिया वाहन में सीट बेल्ट कहां से आ गई,अब यह चालान पेंडिंग रहने की वजह से गाड़ी का नाम ट्रांसफर भी अटक गया है,मालिक परेशान हैं कि चालान भरें तो क्यों और न भरें तो गाड़ी बेचने की प्रक्रिया अधर में अटकी रहेगी..

मालिक बोले - दोपहिया में सीट बेल्ट का चालान समझ से परे-

वाहन मालिक चंद्रशेखर सिंह राजपूत का कहना है कि उनकी बुलेट कभी बिलासपुर से बाहर तक नहीं गई, फिर ओडिशा में चालान कैसे कट गया,अब जब तक यह चालान क्लियर नहीं होगा, नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया भी अटक गई है,जिससे अब वह परेशान हो गए हैं और तो और इसे रद कराने के लिए ओडिशा जाना पड़ेगा,जो कि संभव नहीं है,ऐसे में उन्हे मजबूरी में यह चालान जमा करना पड़ेगा,जो कि सरासर गलत है..

चंद्रशेखर सिंह राजपूत अब सोच में पड़ गए हैं कि वे चालान भरें तो क्यों और न भरें तो वाहन का नाम ट्रांसफर कैसे होगा,दोपहिया में सीट बेल्ट का सवाल ही नहीं उठता,यह साफ तौर पर तकनीकी गड़बड़ी या फर्जी चालान है,विभाग भी उलझन में- परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने साफ कर दिया है कि चूंकि चालान ओडिशा राज्य का है,इसलिए उसका निराकरण वहीं से होगा..

हालांकि,आनलाइन अपील और आवेदन करने पर समाधान की संभावना बताई जा रही है,पर इसमें भी कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं

बढ़ रहे हैं फर्जी चालान..

सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ समय से ऐसे फर्जी चालान के मामले लगातार सामने आ रहे हैं,सबसे अधिक शिकायतें ओडिशा राज्य से जुड़ी हुई हैं,इस वजह से वाहन मालिकों के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ भी परेशान हैं..

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